प्रधानमंत्री उत्कृष्ट महाविद्यालय, शासकीय तुलसी महाविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा में आर्थिक विमर्श विषय पर छठा आर्थिक परिषद स्टूडेंट क्लासरूम सेमिनार का आयोजन
प्रतिवेदन
दिनांक 10 मार्च 2025 को शासकीय तुलसी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ. अनिल कुमार सक्सेना के संरक्षण एवं अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अमित भूषण द्विवेदी के मार्गदर्शन में आर्थिक परिषद, अर्थशास्त्र विभाग के द्वारा छठा आर्थिक परिषद स्टूडेंट्स क्लासरूम सेमिनार, “ भारतीय ज्ञान परंपरा में आर्थिक विमर्श” शीर्षक पर किया गया । मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जे. के. संत एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. नीरज कुमार श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग) उपस्थित रहे।
इस सेमिनार का संयोजन परिषद के सक्रिय विद्यार्थियों मेघा वर्मा, खुशी मानिकपुरी, गंगोत्री राठौर, गंगोत्री सिंह तथा अन्यों के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ डॉ. जे.के. संत के द्वारा दीप प्रज्ववल्लन के साथ आरम्भ हुआ। दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात बी. ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा रीना द्वारा माता सरस्वती की प्रार्थना किया गया। परिषद के विद्यार्थियों के द्वारा इस अवसर पर पधारें समस्त अतिथियों डॉ. ज्ञानप्रकाश पांडेय (विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र), श्री विनोद कुमार कोल (सहा.प्रा.समाजशास्त्र),एवम डॉ. ब्रजेंद्र सिन्ह (सहा.प्रा. रसायन शास्त्र विभाग ) का बैज लगाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. जे. के. संत ने भारतीय समाज में आर्थिक विमर्श की भूमिका और उसकी राजनीतिक प्रासंगिकता पर व्यक्तव्य दिया तथा विशिष्ट अतिथि नीरज कुमार श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना गायन द्वारा विद्यार्थियों के प्रयासों हेतु हौसला वर्धन किया एवं छात्रों को भारतीय ज्ञान परंपरा में निहित आर्थिक विचारों के ऐतिहासिक और समकालीन महत्व से अवगत कराया ।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों के द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा में आर्थिक विमर्श से सबंधित विविध विषयो जैसे कि मूल्य और कर, राज्य की आर्थिक नीतियों, सुमंगलम विकाश की अवधारणा, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, दादाभाई नौरोजी, महात्मा गाँधी एवम प्रो. अमर्त्य सेन के आर्थिक विचार तथा जैन व बौद्ध दर्शन में पाए गए आर्थिक सिद्धांतों आदि पर लगभग 17 पेपर प्रस्तुत किये। सेमिनार का संचालन मेघा वर्मा के द्वारा किया गया। सेमिनार के समापन सत्र में डॉ. ज्ञानप्रकाश पांडेय एवम श्री विनोद कुमार कोल ने अपने वक्तव्य के माध्यम से विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना के साथ उन त्रुटियों को भी रेखांकित किया गया जिनसे आगे चलकर और उपयोगी, प्रभावी, ज्ञानवर्धक स्टूडेंट सेमिनारों का आयोजन हो सके। कार्यक्रम के अंत मे कार्यक्रम की समीक्षा आर्थिक परिषद के समन्वयक डॉ. अमित भूषण के द्वारा किया गया तथा आर्थिक परिषद के सचिव प्रीति वैश्य (सहा. प्रा. अर्थशास्त्र विभाग)के द्वारा इस स्टूडेंट्स क्लासरूम सेमिनार के सफल आयोजन हेतु समस्त विद्यार्थियों को शुभकामनाए दी गई । कार्यक्रम के संयोजक की तरफ से मेघा वर्मा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया ।
पेपर प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों की सूची
1 अर्चना तिवारी (एम. ए .IV) शीर्षक "पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक विचार"
2 रीनू राठौर एम. ए .IV डॉ. राममनोहर लोहिया के आर्थिक विचार
3 संतोषी राठौर एम. ए .IV भारतीय राष्ट्रवादी आर्थिक विचारक दादाभाई नौरोजी के आर्थिक विचार
4 शुभा मिश्रा एम. ए .IV समाजवादी आर्थिक विचारक महात्मा गाँधी के आर्थिक विचार
5 दीपू कुमार बी. ए. III वैदिक शिक्षण में महिलाएं (संक्षिप्त जीवनी एवं आर्थिक चिंतन)
6 गंगोत्री सिन्ह बी. ए. II मूल्य और कर (शांति पर्व, महाभारत पुस्तक 12)
7 विजय लक्ष्मी सिन्ह सिकरवार बी. ए. III वैदिक शिक्षण एवं महिलाएं
8 गंगोत्री राठौर बी. ए. II कौटिल्य के अनुसार सार्वजनिक वस्तुओं और करो की अवधारणा
9 भारती राठौर बी. ए. III पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक विचार
10 दुर्गा तिवारी बी. ए. II राज्य की आर्थिक नीतियों की समझ
11 देवकी पनिका बी. ए. III सुमंगलम विकाश की अवधारणा, विशेषताएं एवं प्रासंगिकता
12 भारती देवी बी. ए. III प्रोफेसर अमर्त्य सेन के आर्थिक विचार
13 अंकिता पासी बी. ए. III जैन धर्म के पांच सिद्धांत
14 दीलन सिंह बी. ए. III बौद्ध दर्शन का अष्टांग मार्ग
15 पार्वती देवी बी. ए. III राज्य की आर्थिक नीतियों की समझ (शांति पर्व, महाभारत पुस्तक 12)
16 पूजा दाहिया बी. ए. II आचार्य चाण्क्य द्वारा दिये गये कुछ प्रसिद्ध जीवन पाठ
17 पूजा राठौर बी. ए. II आय ऋण और दान की प्राचीन भारतीय अवधारणा
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