क्या है GEP?
०३ अगस्त को मैं नेशनल नेचर नेटवर्क टीम के ऑनलाइन गूगल मीटिंग में शामिल हुआ। बैठक को हेस्को के निदेशक आदरणीय डॉ अनिल प्रकाश जोशी सर ने संबोधित किया तथा रामबाबू तिवारी ने संचालित किया। इस अवसर पर अन्य साथियों ने भी अपने बिंदुओं को कार्यक्रम में रखा।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए डॉ अनिल प्रकाश जोशी ने कहा की अब सकल पर्यावरण उत्पाद केवल हवा हवाई बातें नहीं है बल्कि, साइंस डायरेक्ट ने भी जीईपी सूचकों पर रिसर्च कार्य को प्रकाशित करते हुए इंडिकेटर्स को स्वीकार कर लिया है। डॉ जोशी ने यह भी बताया कि इन इंडिकेटर्स को आधार मानते हुए
उत्तराखंड देश में पहला राज्य है जिसने GEP(Gross Environment Product_ सकल पर्यावरण उत्पाद) का मापन किया है। वर्ष 2020_22 की समयावधि के लिए आंकड़ों का उपयोग करके उत्तराखंड राज्य ने अपने यहां सकल पर्यावरणीय उत्पाद के वृद्धि दर को 0.9 प्रतिशत बताया है। डॉ जोशी ने कहा की GEP के 3 से 4 प्रतिशत की वृद्धि दर को बढ़िया कहा जा सकता है। डॉ जोशी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहते है की अब समय आ गया है कि अलग अलग राज्यों के अलग स्टेक होल्डर्स तथा सरकारी विभागों, समूहों आदि के साथ जुड़कर यह प्रयास किया जाय की और भी राज्य आगे आकर GEP जारी करे ताकि, राष्ट्र स्तर पर का आकलन/ अनुमान किया जा सके। अथवा उसका सफल क्रियान्वयन हो सके। डॉ जोशी यह भी कहते है की GEP चार अलग अलग स्वतंत्र सूचकों_
हवा,पानी,जंगल और जमीन के अलग अलग मौद्रिक मूल्यों का संयुक्त वृद्धि दर है। इससे हमें यह पता चलता है की जिंदगी को सुनिश्चित करने वाले हमारे सूचक कितने बढ़े है अथवा हमारा पर्यावरण कितना स्वस्थ हुआ है। ज्ञातव्य हो की जीवन को बढ़ाने वाले इन चारों इंडिकेटर्स से सबंधित केंद्र तथा राज्य सरकारों के पास पहले से ही मंत्रालय अथवा विभाग है। आंकड़ों का संग्रह भी होता है केवल एक निश्चित फॉर्मेट में आंकड़ों के उपलब्ध हो जाने से राष्ट्र स्तर पर इसके आकलन में सहूलियत होगी। कार्यक्रम का समापन देश के अलग अलग क्षेत्रों में प्रोग्राम्स करने के प्रस्ताव के साथ हुआ।
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https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S1470160X23013341#:~:text=The%20gross%20environment%20product%20(GEP)%20index%20is%20a%20comprehensive%20measurement,assessment%20of%20various%20environmental%20pillars.
_ अमित भूषण
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