अनूपपुर शहर के विकास हेतु रोडमैप_अमित भूषण


अनूपपुर, अमरकंटक से निकलने वाली तीन प्रमुख नदियों  नर्मदा, सोन, जोहिला में से सोन नदी के बाएं किनारे पर स्थित है। सोन नदी का नाम इसके सोने जैसे बालू के कारण पड़ा है। सोन नदी सोनमुड़ा (मध्य प्रदेश) से निकलती है, सोनभद्र(उत्तर प्रदेश) तथा  सोनपुर(बिहार) इसके किनारे पर स्थित है। सोनपुर के मेला और  सोन पापड़ी मिठाई भी आप जरूर सुने होंगे।शहर के दोनों छोर पर अन्य जो दो नदियां बहती है। इनकी नाम है तीपान तथा चंदास। बरसात के दिनों में यदि इन नदियों को थोड़ा समतलीकरण करके और थोड़ा इनके  बैलेंस को समायोजित करके कुछ जगहों पर वाटरफाल और कुछ जगहों पर स्केटिंग की सुविधा कायम कर एक प्राकृतिक वृहत वाटर स्केटिंग बनाकर शहर को अद्वितीय बनाया जा सकता है। इस परियोजना की लागत कोई बहुत अधिक नहीं आएगी।
वाटर पार्क, वाटर टूरिज्म तथा वाटर स्केटिंग परियोजना  वहां से शुरू की जा सकती है जहां से तिपान नदी एक तीक्ष्ण तथा सुंदर घुमाव के साथ हमारे कॉलेज के पीछे आती है तथा रोडवेज व रेलवे पुल के नीचे से होती हुई गिरकर सोन नदी में मिल जाती है।सोन तीपान संगम से आगे की तरफ पूरब-पश्चिम दिशा में बहती है जिसमें और  आगे चलकर चंदास तथा पुनः और आगे जाने पर बकान नदी आकर मिल जाती है।बैरिबांध चंदास नदी में स्केटिंग को शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज से अथवा उससे और भी पीछे ले जाकर और एक कम  लागत की लिंक परियोजना चंदास, तीपान, बकान के बीच जोड़कर शहर का परिभ्रमण जल मार्ग से किया जा सकता है।यह जल मार्ग अपने यात्रा क्रम में विविध उच्चावचनों से गुजरेगी जो एक वृहद वाटर पार्क जैसा भी होगा जिसमे वाटर स्केटिंग की भी संभावनाएं रहेंगी। इस प्रोजेक्ट के अंदर व्यवसायिक गतिविधियों को जोड़कर भारी रोजगार सृजित किया जा सकेगा l  इससे अमरकंटक में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। लिंक परियोजना के वजह से वाटर फ्लो कंट्रोल होगा और शहर की जलापूर्ति में वृद्धि होगी। सबसे बड़ी बात है की इस प्रोजेक्ट से किसी भी प्रकार की समाजिक हानि नहीं होनी है। इस परियोजना का एक्सटेंशन सोन से आगे बाकान नदी तक बढ़ाया जा सकता है। यदि यह परियोजना कभी हो सका तो अनूपपुर इस मामले में विश्व के अद्भुत शहरों में शामिल हो सकता है। 
विद्यार्थियों इस साल शहर के विकास के रोड मैप पर NEP प्रोजेक्ट किए थे। दुर्गा तिवारी एक लड़की है उसके प्रोजेक्ट समूह ने इस पर काम किया था किंतु, इस वर्ष मैप नहीं बनाया जा सकता। इस साल इस प्रोजेक्ट को चतुर्थ वर्ष के प्रोजेक्ट स्टूडेंट्स से एक से अधिक फील्ड परियोजना कार्य की अनुमति देकर  मैपिंग करवाऊंगा तथा लागतो का अनुमान करवाऊंगा। आज इस विषय को  थोड़ा और अधिक समझ सका हूं। यदि कभी वृहद अनूपपुर प्राकृतिक वाटर पार्क, वाटर स्केटिंग तथा वाटर टूरिज्म का प्रोजेक्ट मैप बनवा सका तो आप सब के साथ जरूर शेयर करूंगा।
डॉक्टर अमित भूषण द्विवेदी

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