पेरिस ओलंपिक के हॉकी प्रतियोगिता में भारतीय पुरुष हॉकी टीम जीती कांस्य
विनेश के गोल्ड मेडल मैच के पहले डिसक्वालिफाई होने तथा बाद में सन्यास की घोषणा करने से हृदय संतप्त देश को हॉकी टीम से एक खुशखबरी प्राप्त हुई है। आज हुए पेरिस ग्रीष्म ओलंपियाड खेलों के पुरुष हॉकी प्रतिस्पर्धा के ब्रॉन्ज मेडल मैच में भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन की टीम को 2-1 से हराकर टोक्यो ओलंपिक्स सहित 42 वर्षों के सूखे के बाद से लगातार दूसरी बार कांस्य पदक जीता है। यदि ओलंपिक खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी के प्रदर्शन को देखे तो यह भारतीय हॉकी टीम का ओवरऑल 13 वां पदक है। भारत की ओर से कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने दोनों गोल पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए दागे। अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश का यह आखिरी इंटरनेशनल मैच था।भारत ने ओलंपिक मेडल जीतकर श्रीजेश को यादगार विदाई दी।
ज्ञात हो की इस पदक को मिलाकर यह भारत का कुल चौथा पदक है तथा गैर शूटिंग प्रतिस्पर्धा में पहला है।भारतीय ओलंपिक अभियान में अबतक जीते गए चारों मेडल कांस्य है। कल हमसब जरूर कम से कम सिल्वर मेडल मिलने की उम्मीद कर रहे थे किन्तु, वहां से जो कुछ भी खबरे आई वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण तथा हृदय को व्यथित करने वाली थी।
फिर भी, अंततोगत्वा हमें यह समझना होता है कि खेल आखिर खेल होता है, चैंपियन तो असली जिंदगी में पैदा होते है। विनेश अपने निजी जिंदगी में जिन परेशानियों से गुजरी है वे उन्हें बिना खेले भी उनको चैंपियन बनाती है।
हॉकी टीम को बधाई।
और मजबूत लड़की विनेश को सैल्यूट।
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