ऑथेंटिक स्रोतों से इंटरनेट का उपयोग करें, साइबर क्राइम से बचें

इंटरनेट सुरक्षा:बचें साइबर क्राइम से

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आजकल इंटरनेट का उपयोग हर किसी की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। ऑनलाइन खरीदारी, बैंकिंग, सोशल मीडिया और कई अन्य गतिविधियाँ अब हमारे रोज़मर्रा का हिस्सा बन चुकी हैं। लेकिन जितना फ़ायदा हमें इंटरनेट से मिल रहा है, उतना ही खतरा भी है। साइबर क्राइम और फ्रॉड के मामलों में वृद्धि ने इंटरनेट सुरक्षा को एक गंभीर मुद्दा बना दिया है।

इसी को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने एक विशेष जागरूकता अभियान की शुरुआत की है, जो 1 फरवरी (सेफर इंटरनेट डे) से 11 फरवरी तक चलेगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है। पुलिस विभाग अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए लोगों को साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय बताएगा।

इस अभियान का उद्देश्य

इस अभियान का उद्देश्य आम लोगों में इंटरनेट सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है ताकि वे साइबर अपराधों से बच सकें। साइबर फ्रॉड के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और यह जरूरी है कि लोग इन खतरों से अवगत हों। कई लोग बिना सोचे-समझे अपनी व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन साझा कर देते हैं, जो बाद में उनके लिए समस्याएँ पैदा कर सकती हैं।

साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण उपाय

  1. सशक्त पासवर्ड का प्रयोग करें: हमेशा मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का इस्तेमाल करें। पासवर्ड में बड़े और छोटे अक्षर, अंक और विशेष चिन्ह का मिश्रण होना चाहिए।
  2. फिशिंग इमेल से बचें: कभी भी अज्ञात स्रोत से प्राप्त ईमेल या लिंक पर क्लिक न करें, क्योंकि यह आपको धोखाधड़ी की ओर ले जा सकता है।
  3. सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें: पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करते वक्त सतर्क रहें, क्योंकि ये असुरक्षित हो सकते हैं।
  4. ऑनलाइन लेन-देन में सतर्कता बरतें: बैंकिंग और अन्य लेन-देन करते वक्त सुनिश्चित करें कि वेबसाइट पर HTTPS सुरक्षा प्रोटोकॉल का इस्तेमाल हो रहा है।
  5. सामाजिक मीडिया पर सतर्कता रखें: अपनी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करते समय सावधानी बरतें, ताकि आपका डेटा चोरी न हो सके।

विद्यार्थियों के लिए विशेष सावधानियाँ

विद्यार्थियों के लिए यह अभियान खासतौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि वे ऑनलाइन शिक्षा, सोशल मीडिया और अन्य गतिविधियों के कारण साइबर क्राइम के शिकार हो सकते हैं। विद्यार्थियों को यह समझना चाहिए कि ऑनलाइन सुरक्षा सिर्फ व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के बारे में नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा के बारे में भी है।

निष्कर्ष

साइबर क्राइम के मामलों में वृद्धि के कारण यह अभियान विद्यार्थियों और आम लोगों के लिए एक जागरूकता की आवश्यकता है। यह अभियान हमें यह सिखाता है कि इंटरनेट की दुनिया में सुरक्षित रहना उतना ही जरूरी है जितना कि असली दुनिया में। हमें अपनी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होना चाहिए और साइबर फ्रॉड से बचने के उपायों को अपनाना चाहिए।

इस अभियान के माध्यम से पुलिस विभाग लोगों को यह समझा रहा है कि कैसे वे इंटरनेट पर सुरक्षित रह सकते हैं और साइबर क्राइम से बच सकते हैं। आइए, हम सभी मिलकर इस अभियान का हिस्सा बनें और एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण का निर्माण करें।

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